ध्यान लगाने से पागलपन का खतरा रहता है दूर
दोस्तों हमारे मस्तिष्क की सेहत में नींद महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। तमाम साक्ष्य बताते हैं कि नींद ठीक से पूरी नहीं हुई तो डिमेंशिया (पागलपन) का खतरा बढ़ जाता है। शोधकर्ता कैमिलो का कहना है कि उन्होंने और हेल्थ सिडनी विश्वविद्यालय के सहयोगियों ने नया अध्ययन प्रकाशित किया है जो बताता है कि चूंकि डिमेंशिया का फिलहाल कोई इलाज नहीं है, इसलिए इसे बढ़ने से रोकने के लिए अपना ध्यान केंद्रित करना चाहिए।
नींद बहुत आवश्यक
दोस्तों शोधकर्ताओं का मानना है कि हल्की संज्ञानात्मक दुर्बलता की स्थिति भविष्य में डिमेंशिया का खतरा बढ़ने से रोकने के लिए उचित समय होता है। इसलिए हल्की संज्ञानात्मक असमर्थता की रफ्तार पर रोक लगाना जरूरी है। हमारे मस्तिष्क की सेहत के लिए नींद बहुत जरूरी है। नींद हमारे दिमाग में गई नई सूचनाओं और यादों को स्थिर और समेकित करने की क्षमता को बढ़ाती है। ये प्रक्रियाएं नींद के सभी विभिन्न चरणों में हो सकती हैं, जिसमें गहरी नींद एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
स्लीप एपनिया क्या होता है
मित्रों स्लीप एपनिया अर्थात सोते समय सांस लेने में रुकावट आना। नींद में खर्राटे की बीमारी द्वारा दुनिया भर में एक अरब लोगों के प्रभावित होने का अनुमान है। स्लीप एपनिया के कारण ऊपरी वायुमार्ग नींद के दौरान या तो पूरी तरह से या आंशिक रूप से बंद हो जाता है। इस तरह का अवरोध 10 सेकंड से लेकर एक मिनट तक हो सकता है और इसके कारण रक्त में ऑक्सिजन का स्तर गिर सकता है। गंभीर स्लीप एपनिया वाले व्यक्ति में यह प्रक्रिया एक घंटे में 30 बार या उससे अधिक बार हो सकती है, जिससे बहुत खंडित नींद आती है। नींद में बाधा और रात में रक्त में ऑक्सिजन के स्तर में गिरावट डिमेंशिया के खतरे के लिए दोहरा झटका है।
Disclaimer :- इस आर्टिकल में बताये गये तरीक़ों व दावों की factzones.com पुष्टि बिल्कुल नहीं करता है. इनको केवल सुझाव के रूप में बताया गया है. इस तरह के किसी भी उपचार पर अमल करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.
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