कभी नहीं सोती हैं चींटियां
Amazing Facts About Ant : दोस्तों चींटी को हम लोग एक नॉर्मल कीड़े मकोड़े के समान ही मानते हैं. और हम अधिकतर से अपने घरों में या फिर घर के आस-पास देखते ही रहते हैं. यह दिखने में बहुत ही ज्यादा छोटी होती है और चींटी अपने आप में कुदरत का बहुत ही खास नमूना है. चींटी बहुत ही ज्यादा मेहनती होती है इसलिए उसकी तुलना में उसकी बॉडी बहुत ही ज्यादा कॉम्प्लिकेटेड यानी कि कॉम्प्लिकेशंस से भरी रहती है. इस जीव से जुड़ी बहुत सी अजीब रोचक बातें भी हैं. शायद आप लोग अभी तक उनके बारे में ना जानते हैं.
मित्रों आप लोगों ने अधिकतर चीटियों को एक साथ और एक लाइन में चलते हुए देखा है. क्योंकि चीटियां बहुत ही अधिक सामाजिक व्यवहार की होती हैं. क्योंकि इनको कुनबे में रहना ही अधिक पसंद होता है लेकिन दोस्तों सीधी-सादी दिखने वाली चीटियां अपनी कॉलोनी में लड़ाई भी बहुत ही खतरनाक तरीके से लड़ती हैं. इस खतरनाक तरीके से लड़ती हैं कि इनकी जान तक चली जाती है. दोस्तों बिल्कुल मधुमक्खियों के बराबर ही इनकी भी कॉलोनी बहुत ही ज्यादा व्यवस्थित तरीके से होती है. और इनकी कॉलोनी में सभी के काम बैठे हुए होते हैं और हर चींटी अपना काम बखूबी करती है. और इसके अलावा भी बहुत से मजेदार facts हैं जो आपको आगे बताते हैं.
देखने में दोस्तों आप लोगों को एक छोटी सी चींटी ही लगती है. लेकिन इस छोटी सी चींटी के दिमाग में टोटल लगभग ढाई लाख से अधिक मस्तिष्क कोशिकाएं भी मौजूद होती हैं. और इन्हीं के चलते वह अपना दिमाग हर वक्त चलाती रहती है.
चीटियों को अपने दिमाग को शांत और दिमाग को तरोताजा करने के लिए सोने की बिल्कुल भी जरूरत नहीं पड़ती. और इसकी जगह पर चीटियां दिनभर में कई बार छोटी-छोटी झपकी लेकर अपने दिमाग को तरोताजा करते हैं. चींटी 1 दिन में लगभग 260 बार झपकियां लेती है जो 1 मिनट से अधिक की बिल्कुल भी नहीं होती.
यह छोटी सी चींटी दोस्तों अपने बॉडी के भजन से लगभग 20 गुना अधिक वजन लेकर इधर से उधर कहीं भी जा सकती है. आप लोगों ने दोस्तों अधिकतर देखा होगा कि खाने के पढ़े हुए टुकड़े या फिर मरे हुए किसी भी कीड़े को वह सिर पर उठाकर चल देती हैं.
दोस्तों हम लोगों में से बहुत सारे लोगों को ठंड पसंद होती है. इसी प्रकार चीटियों को भी ठंड का मौसम बहुत अधिक अच्छा लगता है उजालों में बिल्कुल गायब हो जाती हैं. और आपके आंगन में फिर आपके घरों में आसपास बिल्कुल नहीं दिखाई देती और किसी ऐसी जगह पर चली जाती हैं जहां पर उनको हल्की सी गर्माहट मिलती रहे.
दोस्तों बहुत से चीटियों के पंख भी हुआ करते हैं और कुछ साथियों के नहीं भी होते हैं. वैसे दोस्तों इन में एक खासियत होती है कि हर प्रजाति की चींटी अपने पंखों को निकाल सकती है. यह चींटी पर खुद डिपेंड करता है कि वह कैसे जीना चाहती है.
आपको जान कर ये भी हैरानी होगी कि चींटी के कान नहीं हुआ करते ऐसे में वह बिल्कुल भी सुन नहीं पाती और इसके बदले में वह पैरों की धमक से और उसके आसपास की होने वाली तंत्रिकाओं की हलचल से किसी के होने का एहसास करते हैं. और फिर उसके अनुरूप ही अपना कार्य शुरू करते हैं.
दोस्तों चींटी के अंदर दो पेट हुआ करते हैं एक पेट में वह खाना अपना स्टोर कर लेती हैं. और इसे अपने जहां पर यह वर्क करती हैं वहां ले जाकर रखते हैं और जबकि दूसरे पेट का जो खाना होता है वह फिर अपनी दूसरी सहपाठी चींटी को दे दिया करती हैं.दोस्तों एक रिसर्च के अनुसार हमारी पृथ्वी पर चीटियां लगभग 131 मिलियन वर्षों से अधिक से पहले मौजूद हैं और लगभग टोटल प्रजातियां 13379 हैं. और इन चीटियों की कालोनियां यानी कि घर इनके धरती के नीचे मीलों दूर तक आपको मिल जाएंगे.
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