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Strawberry Farming से कमाओ लाखों रुपये सालाना
दोस्तों स्ट्रॉबेरी पहाड़ी इलाक़ों की फसल होती है. पर, अब ये मैदानी इलाक़ों में भी इसकी खेती शुरू हो चुकी है. उत्तर प्रदेश तथा हरियाणा में बहुत बड़े पैमाने पर किसान इस में दिलचस्पी दिखा रहे हैं.
Strawberry Farming : फसलों की खेती में किसान हर वर्ष बड़ा नुकसान झेल रहे हैं. कभी बारिश हो जाती है तो कभी भयंकर सूखे की मार किसान भाइयों पर पड़ रही है. इस वर्ष तो पिछले कई सालों के मुकाबले गेहूं की फसल में भी बड़ी कमी आई है. ये ही वजह है कि किसान बड़े नुकसान से बचने के लिए बहुत सी अलग अलग प्रकार की फसलों की तरफ रुख कर रहे हैं. हाल में देखा गया है कि किसानों ने strawberry Farming की फसलों में भी बड़ी दिलचस्पी दिखाना शुरू किया है.
कैसे करें स्ट्रॉबेरी की खेती Strawberry Farming?
दोस्तों स्ट्रॉबेरी को बहुत ही फायदेमन्द फसलों की लिस्ट में रखा जाता है. सारी दुनिया में इसके कुल 610 किस्म है, पर भारत में इसकी थोड़ी ही प्रजातियों की खेती करी जाती है. इसकी Farming नॉर्मल तरीकों के साथ पॉलीहाउस, हाइड्रोपॉनिक्स की जाती है . हालांकि, इसे ठंडे देशों की फसल भी कहते है. लेकिन इसे मैदानी इलाकों में भी आसानी से लगाया जा सकता है. 20 से 30 डिग्री temperature सही रहता है. तापमान अधिक हो जाने पर स्ट्रॉबेरी के पौधों में नुकसान होना शुरू हो जाता है और उत्पादन में कमी आ जाती है.
स्ट्रॉबेरी से क्या क्या बनता है?
मित्रों strawberry farming किसी भी तरह की मिट्टी पर करी जा सकती है. पर बलुई दोमट मिट्टी इसके सेहत के लिए बेहद सही मानी जाता है. इसकी खेती के लिए 5 से 6 पीएच मान मिट्टी हो तो अधिक बेहतर है. बता दें कि स्ट्राबेरी की फसल से जैम, जूस, आइसक्रीम, मिल्क-शेक, टॉफियां भी बनाई जाती है इसके अलावा बहुत प्रकार के ब्यूटी प्रोडक्ट में भी इसके फलों का प्रयोग किया जाता है.
स्ट्रॉबेरी का पेड़ कब लगायें?
मित्रों हिमाचल प्रदेश के रहने वाले दीपक शांडिल तथा अशोक कमल 5 से 6 एकड़ में strawberry farming करते हैं. ये बताते हैं कि सबसे पहले इसकी नर्सरी बनाई जाती है. फरवरी से इसकी स्टार्ट कर दी जाती हैं. जून-जूलाई तक इसकी नर्सरी सही से तैयार हो जाती है. जिसके बाद सितंबर के पहले हफ्ते से इसे हम खेत में लगाना स्टार्ट कर देते हैं. 40 से 50 दिनों में ये फसल पूरी तरह से तैयार हो जाया करती है, जिसके बाद इसकी टूट शुरू की जाती है.
दोस्तों स्ट्राबेरी की फसल से बढ़िया उपज हासिल करना जलवायु और पौधों की संख्या पर depend करता है. अगर सही प्रकार से पौधों की देखभाल करी जाए तो पक्का ही किसान एक एकड़ में लगभग 80 से 100 क्विंटल से अधिक फलों का उत्पादन कर सकता हैं. विशेषज्ञों के मुताबिक इसके एक पेड़ से 800-1000 ग्राम फल मिल जाते हैं.
स्वास्थ्य के लिये स्ट्रॉबेरी
दोस्तों स्वास्थ्य के लिए स्ट्राबेरी का इस्तेमाल बेहद फायदेमंद माना जाता है. यह फल विटामिन C तथा विटामिन A एवं K का बहुत अच्छा स्रोत है. चिकित्सकों के मुताबिक यह फल रूप को निखारने और चेहरे में कील मुँहासे, आँखो की रौशनी तथा चमक के साथ दाँतों की चमक बढ़ाने का कार्य भी कर्ता है. इसके आलवा इसमें केल्सियम मैग्नीशियम फोलिक एसिड फास्फोरस पोटेशियम भी मौजूद होता है. यह भी कारण है स्ट्राबेरी के फल बाजार में ऊंचे दामों पर बिकते हैं.
13 से 14 लाख की कमाई
दीपक कहते हैं कि एक एकड़ में strawberry farming में कुल मिलाकर मिलाकर पौधे की कीमत से लेकर marching और ड्रिप इरिगेशन जैसी तकनीकों का प्रयोग कर 2 से 3 लाख की लागत आ सकती है, जिसके बाद इनको लगभग 12 से 16 लाख तक का प्रॉफिट हो सकता है.
निश्कर्ष
तो दोस्तों आज के इस आर्टिकल में हमने आपको बताया है कि आप लोग strawberry farming से अच्छी-खासी कमाई कैसे कर सकते हो तो अगर आपको ये आर्टिकल पसंद आया है तो शेयर जरूर करना और एक comment भी धन्यबाद…
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