भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने पहले अदालत को बताया था कि उसने रुपये में कई स्पर्श विशेषताओं को शामिल किया है ताकि दृष्टिबाधित लोग उन्हें आसानी से पहचान सकें। क्या आपकी जेब में रखे नोटों और सिक्कों में कोई बदलाव होने जा रहा है? क्या नेत्रहीन लोगों को अपनी जेब में रखे सिक्कों और नोटों को पहचानना मुश्किल हो रहा है? अब जांच विशेषज्ञों की टीम को सौंपी गई है। बंबई उच्च न्यायालय ने सोमवार को विशेषज्ञों से देश में रुपये और सिक्कों को दृष्टिबाधित बनाने के तरीके सुझाने को कहा।
क्या है रिजर्व बैंक का जवाब
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने इससे पहले अदालत को बताया था कि उसने रुपये में कई स्पर्श-संबंधी विशेषताओं को शामिल किया है ताकि दृष्टिबाधित लोग उन्हें आसानी से पहचान सकें। इसके बाद अदालत ने याचिकाकर्ता के वकील उदय वरुणजीकर से इस संबंध में विशेषज्ञों की राय लेने को कहा। पीठ ने कहा, “कुछ विशेषज्ञों के सुझाव लें कि सिक्कों और रुपये को ‘डिजाइन’ करने के लिए कौन से उपाय और तरीके अपनाए जा सकते हैं ताकि वे पूरी तरह या आंशिक रूप से दृष्टिबाधित लोगों के अनुकूल हों।” अगली सुनवाई चार हफ्ते बाद होगी।क्या है भाईन्यायमूर्ति प्रसन्ना वरले और न्यायमूर्ति शर्मिला देशमुख की खंडपीठ ने सोमवार को एक मामले की सुनवाई के दौरान कहा कि अदालत आदेश पारित करती रहती है, कभी-कभी इसे अंधेरे में भी रखा जा सकता है।
इसलिए मामले को सुलझाने के लिए विशेषज्ञों के सुझाव जरूरी हैं। अदालत दृष्टिबाधित व्यक्तियों के राष्ट्रीय संघ (एनएबी) की एक याचिका पर सुनवाई कर रही है। याचिका में दावा किया गया है कि दृष्टिबाधित लोगों को नए नोटों और सिक्कों की पहचान करने में कठिनाई का सामना करना पड़ता है।
भारत में लॉन्च होगा डिजिटल रुपया
वित्त मंत्री ने बजट के दौरान बताया कि इस साल देश में डिजिटल रुपया जारी किया जाएगा. रिजर्व बैंक ने डिजिटल रुपया पेश करने की पूरी तैयारी कर ली है। मंगलवार को केंद्रीय बजट पेश करते हुए, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि रिजर्व बैंक ने 2022-23 तक ब्लॉकचेन तकनीक का उपयोग करके एक ‘डिजिटल रुपया’ पेश करने का प्रस्ताव रखा है। वित्त मंत्री ने कहा कि निवेश को बढ़ावा देने के लिए 2022-23 में राज्यों को एक लाख करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता दी जाएगी. उन्होंने कहा कि राज्यों को 2022-23 में जीएसडीपी के चार प्रतिशत तक के राजकोषीय घाटे की अनुमति दी जाएगी।
7% भारतीय डिजिटल मुद्रा रखते हैं
डिजिटल करेंसी को लेकर एक चौंकाने वाली रिपोर्ट सामने आई है। संयुक्त राष्ट्र (यूएन) की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि कोविड-19 महामारी के दौरान दुनिया भर में क्रिप्टोकरेंसी का उपयोग अभूतपूर्व दर से बढ़ा है। इस रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि भारत में सात फीसदी से ज्यादा आबादी के पास डिजिटल करेंसी है. संयुक्त राष्ट्र के व्यापार और विकास निकाय अंकटाड ने कहा कि 2021 में क्रिप्टोकरेंसी रखने वाली आबादी के हिसाब से शीर्ष 20 अर्थव्यवस्थाओं में से 15 विकसित देश थे। यूक्रेन 12.7 प्रतिशत के साथ सूची में सबसे ऊपर है। इसके बाद रूस (11.9 फीसदी), वेनेजुएला (10.3 फीसदी), सिंगापुर (9.4 फीसदी), केन्या (8.5 फीसदी) और अमेरिका (8.3 फीसदी) का नंबर आता है।
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